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समाचार कोड: 384897
6 जनवरी 2023 - 20:56
रहबर

हौज़ा/हज़रत इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर के ज़माने के लिए रास्ता समतल करने की कोशिश कीजिए, वह ज़माना जिसमें किसी भी शक्ल में ज़ुल्म व सितम नहीं है वह ज़माना जिसमें इंसान की सोच और उसकी अक़्ल किसी भी ज़माने की तुलना में ज़्यादा ऐक्टिव और रचनात्मक होगी

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर के ज़माने के लिए रास्ता समतल करने की कोशिश कीजिए, वह ज़माना जिसमें किसी भी शक्ल में ज़ुल्म व सितम नहीं है वह ज़माना जिसमें इंसान की सोच और उसकी अक़्ल किसी भी ज़माने की तुलना में ज़्यादा ऐक्टिव और रचनात्मक होगी,

वह ज़माना कि जिसमें क़ौमें एक दूसरे से जंग नहीं करेंगी, दुनिया में जंग भड़काने वाले हाथ वही जिन्होंने अतीत में इलाक़ाई जंगों और वर्ल्ड वॉर की आग भड़काई और भड़का रहे हैं, फिर कोई जंग शुरू नहीं करवा सकेंगे, दुनिया भर में पूरी तरह अमन व सुकून होगा, उस ज़माने के लिए कोशिश करनी चाहिए।

इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम के ज़माने से पहले राहत, सुकून और आफ़ियत नहीं है। रिवायतों में हैं(अल्लाह की क़सम तुम्हे ख़ालिस किया जाएगा, तुम्हें छलनी से छाना जाएगा) यानी तुम्हारा बहुत सख़्त इम्तेहान लिया जाएगा, बहुत ज़्यादा दबाव डाला जाएगा। इम्तेहान कब और कहाँ होगा? उस वक़्त होगा जब संघर्ष का मैदान होगा।

इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने से पहले, संघर्ष के मैदान में, पाकीज़ा लोगों की आज़माइश होगी, वे इम्तेहान की भट्टियों में उतरेंगे और खरे होकर बाहर निकलेंगे और फिर दुनिया इमाम महदी अलैहिस्सलाम के आइडियल दौर से दिन ब दिन ज़्यादा क़रीब होती जाएगी। यही वह बड़ी उम्मीद है।

इमाम ख़ामेनेई,

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